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करीब 20 साल बाद बिहार के विश्वविद्यालय में अद्भुत

करीब 20 साल बाद बिहार के विश्वविद्यालय में अद्भुत कॉलेजों में गौर शिक्षण पदों पर तीन श्रेणी के कर्मचारियों की नियुक्ति होने वाली है जो सुखद है यूजीसी ने सभी रिक्त को भरने का निर्देश दिया इसके बाद सरकार से नियुक्त प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है विश्वविद्यालय और कॉलेजों में गैर शिक्षण पदों की 8000 से ज्यादा रीडिंग दिया है ऐसे नियमों के तहत यूजीसी कॉलेजों की लर्निंग आउटकम पर फोकस करेगी प्रयास होना चाहिए कि सभी कॉलेजों में गुणवत्ता पूर्वक शिक्षा की गारंटी सुनिश्चित हो सके सभी शिक्षक पदों को भरते हुए कॉलेज में संसाधन बढ़ाए जाए ताला मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के पुराने शिक्षण संस्था में स्थाई कुलपति नहीं है प्रभार के सारे काम चला रहे हैं यदि शीघ्र कुलपति नियुक्त किया जाना चाहिए तो विश्वविद्यालयों की अनुशासन में कमी आई सुधारने की जरूरत है विश्वविद्यालय को प्रदान किए जाने वाले अनुदान को उनके प्रदर्शन और शिक्षा की गुणवत्ता से जुड़ना जरूरी है साथ ही गुणवत्ता पूर्वक शिक्षण कौशल सुनिश्चित करने के लिए पूर्व अल्लो की गुणवत्ता की जांच पदों की भर्ती को जैसे कुछ प्रमुख सुधार किए जाने की आवश्यकता है बेहतर गुणवत्ता वाले शिक्षकों की कमी बड़े हुए छात्रों पर शिक्षकों के माध्यम से पर्याप्त से निपटने की आवश्यकता है हालांकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आगे बढ़ रही राज्य सरकार ने कॉलेजों की आधारभूत संरचना की जांच पड़ताल करने का फैसला किया है अभी तक यह कार्य विश्वविद्यालयों ने संभाल रखा था और उनकी अनुशासन पर सरकार अनुदान देती थी

©Ek villain #सुधार में निरंतरता जरूरी

#illuminate
करीब 20 साल बाद बिहार के विश्वविद्यालय में अद्भुत कॉलेजों में गौर शिक्षण पदों पर तीन श्रेणी के कर्मचारियों की नियुक्ति होने वाली है जो सुखद है यूजीसी ने सभी रिक्त को भरने का निर्देश दिया इसके बाद सरकार से नियुक्त प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है विश्वविद्यालय और कॉलेजों में गैर शिक्षण पदों की 8000 से ज्यादा रीडिंग दिया है ऐसे नियमों के तहत यूजीसी कॉलेजों की लर्निंग आउटकम पर फोकस करेगी प्रयास होना चाहिए कि सभी कॉलेजों में गुणवत्ता पूर्वक शिक्षा की गारंटी सुनिश्चित हो सके सभी शिक्षक पदों को भरते हुए कॉलेज में संसाधन बढ़ाए जाए ताला मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के पुराने शिक्षण संस्था में स्थाई कुलपति नहीं है प्रभार के सारे काम चला रहे हैं यदि शीघ्र कुलपति नियुक्त किया जाना चाहिए तो विश्वविद्यालयों की अनुशासन में कमी आई सुधारने की जरूरत है विश्वविद्यालय को प्रदान किए जाने वाले अनुदान को उनके प्रदर्शन और शिक्षा की गुणवत्ता से जुड़ना जरूरी है साथ ही गुणवत्ता पूर्वक शिक्षण कौशल सुनिश्चित करने के लिए पूर्व अल्लो की गुणवत्ता की जांच पदों की भर्ती को जैसे कुछ प्रमुख सुधार किए जाने की आवश्यकता है बेहतर गुणवत्ता वाले शिक्षकों की कमी बड़े हुए छात्रों पर शिक्षकों के माध्यम से पर्याप्त से निपटने की आवश्यकता है हालांकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आगे बढ़ रही राज्य सरकार ने कॉलेजों की आधारभूत संरचना की जांच पड़ताल करने का फैसला किया है अभी तक यह कार्य विश्वविद्यालयों ने संभाल रखा था और उनकी अनुशासन पर सरकार अनुदान देती थी

©Ek villain #सुधार में निरंतरता जरूरी

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