रक़ीब हूँ तो ये मत समझना तुझे चाहने वाले से मिलेंगें हम भी दुश्मनों की पहली सफ में खड़े मिलेंगे, दिल में बना ले चोर दरवाज़ा कोई हम भी वहाँ दरवाज़ा खट-खटाते हुए मिलेंगें, आख़री ख़त ग़र तुम पढ़ोगी मेरा तो आँसू मेरे एक ही शब्द पर गिरे मिलेंगें, महक आएगी शराब की भी तुझे वहाँ कुछ सिगरेट के ग़ुल भी पड़े मिलेंगें, रास्तों का क्या हैं बदलतें रहते हैं पर हम दरख़्त बनकर वहीं खड़े मिलेंगें.. #nojoto #nojotohindi #raqib #nojotorajkot