खुद की मदद , खुदा को भी पसंद है गालिब... यहां कोई तेरी खातिर अपनी खुशियों की कुर्बानी नहीं देता। तू हैं, हां सिर्फ तू ही है तेरी जिंदगी की पहली और आखरी उम्मीद... जिंदगी के फैसले किसी दूसरे की सोच पर आधारित नहीं होता । राह मे चल रहे हो तो हजारों मुसाफिर मिलेंगे पर हर किसी से रास्ता पूछना मुनासिब नहीं होता... यहां कौन क्या हैं, क्यूं हैं, इसकी फिक्र तू ना कर, उड़ना जब खुद हैं तो खुद की हिम्मत खुद बनाकर। जमाने की सोच से खुद को मत बदला कर, तुझमें हैं वो काबिलियत तो खुद को खुद से खड़ा कर। अपनी स्वाभिमान को लोगो की सोच से कहीं ऊपर रख, अगर जो न मिले मांगने से तो छीन ले आपने हिस्से का हक। बेबुनियाद रिवाजों की लकीरों से अब तू मत डरा कर... मत सोच की कौन क्या कहता हैं चलना जब अकेले हैं तो खुद की मालिक खुद बना कर। ✨✨✨✨✨✨ ©Manavata Tripathi (Tejashvi) #मदद #helping #mtt1507 #poem #कविता