मदिरालय जाने को घर से चलता है पीने वाला, किस पथ से जाऊँ असमंजस में है वह भोला भाला अलग अलग पथ बतलाते सब पर मैं यह बतलाता हूँ, राह पकड़ तू एक चला चल पा जाएगा मधुशाला।। -स्व श्री हरिवंश राय (बच्चन) . ©Ritesh Shrivastava #हिंदी #बच्चन #हरीवंशरायबच्चन #poems #poets #rekhta #shayari #shayarilove #urdupoems #poetryworld