कान्हा दोस्त ना उससा दूजा कोई, पलकों में उसके भी इंतजार उतना। कहीं न पाओगे उसको रण में, पर सारथी वही हर योद्घा का। जिसने पौंछें आँसू भाई के, और दूजे को लड़ना सिखाया। गीता का उपदेश सुनाकर, सही गलत का फर्क समझाया। जब अन्याय का बजा डंका, तो उसने न्याय का शंख बजाया। महाभारत तो संभाल लिया तब, नटखट रासलीला आज भी चलाया। मानने वाले को कई दर्शन, अनजान को नया पथ दिखाया।। #महाभारतचरित्र #महाभारत #yqdidi #yqbaba #hindipoetry #kanha