जिसे मैं ख्वाबों से लेकर हाथों की लकीरों तक खोजता रहा वो आज अचानक चाय के ढाबे पर आकर टकरायी ....! #मेरी_जिंदगी #मकसद_की_तलाश_में #मैं_और_जिंदगी