बुझती चिराग में एक दिन उजाला होगा ताप्ती धुप में एक दिन छाया होगा कितने कतरे पानी के बेह्जातें है तपते रेगिस्तान में पानी का धारा होगा अपने टूटे सपने से ज़िन्दगी का रुख मत बदल देना टूटा तो आश्मान में तारा भी है टूटे तारे में एक दिन जगमगाता सितारा होगा