स्वरचित बघेली गीत(गाँव की दशा का वर्णन) आजु कल गांव के कुछ अलग बाति है का कही अब न कुछ कहा जात है।। रोड जब से बनी आस एक है जगी। गांव आपन कहाँ से कहाँ जात है।। हाँथ दुई हाँथ खातिर लड़े जात हाँ। रात-दिन नाम आपन करे जात हाँ।। याद ओनका नही कुछ धरा धाम के। छोड़ सब जात हाँ बस एक काम के।। नीक लागत नही गांव के हाल अब। का लिखी अब न कुछ लिखा जात है।।