तुम्हें अब तक यहां से गुजर जाना चाहिए था परन्तु तुम यही हो। या तो घड़ी मेरी वक्त सही बतला नहीं रही है या फिर तुम वो नहीं कोई बहुरूपिया हो ©Pratik Singhal " Premi " #प्रेमी #प्रेमी_की_प्रेममाला #बहुरूपिया #कविता