जय श्री राम ©Vishw Shanti Sanatan Seva Trust यह प्रतिमा 11वीं शताब्दी के भक्ति संत श्री रामानुजाचार्य की याद में बनाई गई है। उन्होंने पंथ, जाति सहित जीवन के सभी पहलुओं में समानता के विचार को बढ़ावा दिया। प्रतिमा को बनाने में सोना, चांदी, तांबा, पीतल और जिंक धातुओं का प्रयोग हुआ है। इसे 54 फीट ऊंचे आधार भवन भद्र वेदी पर स्थापित किया गया। यहां पर वैदिक डिजिटल लाइब्रेरी, शोध केंद्र, प्राचीन भारतीय पुस्तकें, थियेटर और शैक्षणिक गैलरी भी बनी है। यह दुनिया में बैठने वाली अवस्था में सबसे ऊंची धातु की प्रतिमा में से एक है। प्रतिमा की अवधारणा रामान