क्या करना है कभी यह सोचकर दफ्तर नहीं आया? फितरत कुछ करते रहने की थी… कुछ नया लिखना, कुछ नई कहानी मिलनी चाहिए, कुछ नई तस्वीर होनी चाहिए। Many congratulations Ravish Kumar Ji👏🏼 #ramonmagsaysayaward #ravishkumar