नमन - श्रद्धांजलि अरे! भेड़ियो धूर्त पशु तुम,कब तक छुपकर वार करोगे। मानवता का त्याग के चोला,कब तक नर संहार करोगे।। अपनों का ही रक्त बहाया, कितना नीचे और गिरोगे। माँ का आँचल रक्त से भीगा, कितना नीचे और गिरोगे