खुदगर्ज तो वह है जो बस मतलब के लिए तुम्हें याद है करें कहता है मुझसे मेरा यह दिल कि वह यार भी भला कैसा जो अपनों पर ही एतबार ना करे कदर कर तू यादों की क्योंकि असल यारों के लिए तो रहती हमेशा दिल में जगह अहमियत ना बिकती बाजारों में,ना खुशियां बिकती हैं यह सोच कि ऐसा यार भला कहां मिलता जो सब कुछ भुला कर भी दुख में तुमसे दो वक्त बात है करे दगा ना कर तू अपनों से ही जो दिल से तुझे अपना मानते हैं सुख हो या चाहे दुख हो बिना देखे हर पल तुझे अपना मानते हैं ऐसी कोई मिसाल न बन सकी दुनिया में जो डाल सके सच्ची दोस्ती पर दरार भले ही कभी साथ नहीं हो तेरे पर दूर होकर भी दिल के सबसे करीब कैसे रहना असल यार ही जानते हैं Yãsh✍️ #freinds #realfriends #RealFriend #poem #poemoftheday #Poetry #words #Shayari #Friendship