मेरे लफ्ज़ की लड़ी ! एक दिन इन पन्नों से जा लड़ी कि तू ना मेरी सुनता है,ना हसता है कुछ बोलता क्यों नहीं हो गई मेरी कलम से कोई खता या फिर इसने गलत कुछ गढ़ी करीब होकर भी मेरे,गुम रहता कहीं मानती हूं खता मेरी है बिन पूछे तुझसे,दर्द मेरे पर देती हूं तुझे ऐ कोरे कागज़ तूने ही तो कहा था तू लिख दे हर गम मुझपर हंस तो सही सज़ा लूंगा अपने सीने पर तू एक बार मुझे अपना बना तो सही ऐ कोरे कागज़! करती भी क्या तेरे सिवा अब मेरा रहा ही नहीं जायज़ तेरा रूठना ,होती होगी तुझे भी तकलीफ पर तू कुछ कहता क्यों नहीं मेरे कागज़ तू अब मान भी जा वरना गुम जाऊंगी मैं भी कही.. ©shilpi gupta #kagaz #कागज़ #पन्ने #nojotowriter #NojotoTrending #nojohindi #shayri #shilpigupta