माँ के आँचल सा एहसास कराते आज भी जब खनकते है वे कंगन मुझे माँ की गुम हो चुकी आवाज़ में पास बुलाते है मैं भी नादान बालक सा उनकी तरफ खिंचा चला जाता हूँ अतीत के पन्नों पर लिखे हुए उसके शब्द याद आ जाते है •●• जीएटीसी क्रिएटिविटी - ५ •●• 《चैलेंज: ७》 कोलाॅब कीजिए और ४-६ पंक्तियाँ पृष्ठभूमि में लिखें। और अपनी पूर्ण रचना को अधिकतम १६ पंक्तियों में अनुशीर्षक में लिखें। ( अनुशीर्षक में लिखने के लिये कोई भी बाध्यता नहीं है। ) आपकी पृष्ठभूमि की पंक्तियों को आप अनुशीर्षक में दोहरा सकते हैं। अनिवार्य हैशटैग: