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यूँ मुस्कुरा रही थी वो मैं उसकी लबों में ख़लिश ढूंढ

यूँ मुस्कुरा रही थी वो मैं उसकी लबों में ख़लिश ढूंढ रहा था
उसे जो देखती थी पहले मैं उन आँखों में कशिश ढूंढ रहा था

जाने क्यूँ अब भी रहा करता है दिल मुन्तज़िर उसका
मैं तो इस दिल में हो उससे कोई रंजिश ढूंढ रहा था

एक अरसा हुए बहुत सर्द रहा करती हैं साँसें मेरी
मैं अपने आसपास उसके साँसों की तपिश ढूंढ रहा था

बहुत ए'तिमाद से बैठे थे वो मेरे रक़ीब के साथ
मैं उसके जिस्म में हो कोई तो लर्ज़िश ढूंढ रहा था

बहुत ही खूबसूरत थी वो बोलती हुई आँखें उसकी
उसकी पलकों से जो उतरे मैं आज वो बारिश ढूंढ रहा था #ख़लिश@LOVEGRAPHY
यूँ मुस्कुरा रही थी वो मैं उसकी लबों में ख़लिश ढूंढ रहा था
उसे जो देखती थी पहले मैं उन आँखों में कशिश ढूंढ रहा था

जाने क्यूँ अब भी रहा करता है दिल मुन्तज़िर उसका
मैं तो इस दिल में हो उससे कोई रंजिश ढूंढ रहा था

एक अरसा हुए बहुत सर्द रहा करती हैं साँसें मेरी
मैं अपने आसपास उसके साँसों की तपिश ढूंढ रहा था

बहुत ए'तिमाद से बैठे थे वो मेरे रक़ीब के साथ
मैं उसके जिस्म में हो कोई तो लर्ज़िश ढूंढ रहा था

बहुत ही खूबसूरत थी वो बोलती हुई आँखें उसकी
उसकी पलकों से जो उतरे मैं आज वो बारिश ढूंढ रहा था #ख़लिश@LOVEGRAPHY
gautamanand4109

Gautam_Anand

Bronze Star
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