।एक प्रायोगिक प्रेम पत्र। जो समझना है समझ लेना, बस कभी उड़ती हवा मत समझना। बेइंतेहा मोहब्बत करते हैं आपसे, बस कभी बेवफ़ा मत समझना। कभी देखा था आपको सपनों में आज हकीकत में देख लिया, शायर की ग़ज़ल को आज दिल लगाकर पढ़ लिया। अगर तोड़ा है किसी ने आपका दिल तो मैं नहीं जोड़ूंगा, एक बार मौका दे दीजिए अपना आधा बचा हुआ दिल भी आपको दे दूंगा। चाँद तारे तोड़ लाऊँ इतनी मेरी औकात नहीं भूखी सोने चली जाओ, ऐसी आने दूंगा मैं कोई रात नहीं। आंखों में आंसू न आने दूंगा वो वादा मैं ना करूंगा, लेकिन सिर टिकाने के लिए कंधा हमेशा बगल में रखूँगा। भाड़ में अगर चली गई तो साथ में आजाऊँगा, फ़िसलकर अगर हड्डी टूट गयी तो खाना मैं बना लाऊंगा। बूढ़ी होकर गंजी हो गई तो टकला मैं हो आऊंगा, आधा बचा दिल जो मेरा क़बूल कर लिया तो मरते दम तक साथ निभाऊंगा।। ।एक प्रायोगिक प्रेम पत्र। जो समझना है समझ लेना, बस कभी उड़ती हवा मत समझना। बेइंतेहा मोहब्बत करते हैं आपसे, बस कभी बेवफ़ा मत समझना। कभी देखा था आपको सपनों में