ओ रे काले बादल घुमक्कड़ क्यों दिखा रहा इतनी अकड़ नही दिखता क्या तुझे धरती का दुख एक जगह पे नही रहा तू रुक.. प्यासी है माटी प्यासा उपवन प्यास कुआँ है प्यासा जनधन प्यास से तड़पे भूमिपुत्र किसान दे बारिश कर कार्य महान.. कर दे हरा तू इस धरा को बरखा की शुरू कर बौछार खिल जाए हर फूल खुशी का पा ले धरती माँ का प्यार... ओ रे काले बादल घुमक्कड़ दे बारिश कर कार्य महान... harryकी कलम से-- #rain_lover#green_earth