बुला तो लू मैं तुम्हें, पर क्या तुम वापिस आओगे तेरे जाने के ग़म के सहारे ही जिंदा है क्या तुम फिर से वो सहारा बनने आओगे की ये दिल खोया है अभी भी उन्हीं गलियों के अंधेरों में क्या तुम उन गलियों का फिर से उजाला बनकर आओगे ग़र तुम आये वापिस उन गलियों में तो वादा करते हैं फिर से हम उन गलियों में रौनक भरने का तो क्या तुम फिर से मेरा सहारा बनने आओगे बुला तो लू मैं, तुम्हें वापिस तो क्या तुम मेरे खुशियो का सहारा बनने आओगे की बुला तो लू मैं तुम्हें वापिस ©Bhaskar #writer #Poet #Poetry #writing #feelings #Love #SAD #bhaskar95 #bhaskars_poetry #Memories