तलाश में निकले तो वो दिख जाता है लेकिन नजर में नहीं मिलता.. इंतजार है इस परिंदे को कबसे मेरे बगीचे का फूल क्यों नहीं खिलता.. सूखे हुए पेड़ों से मिलके आता हूं रोज मै फिर भी कुछ सबक नहीं सीखता.. मै खत आज भी लिखता हू किसी के लिए पर उसपे किसी का पता नहीं लिखता.. #shayari #hindishayati #urdu #poetry #poet