दिल के बहलाने का सामान न समझा जाए मुझ को अब इतना भी आसान न समझा जाए मैं भी दुनिया की तरह जीने का हक़ माँगती हूँ इस को ग़द्दारी का एलान न समझा जाए अब तो बेटे भी चले जाते हैं हो कर रुख़्सत सिर्फ़ बेटी को ही मेहमान न समझा जाए ©aakash saini 24 january National girls child day ❣️❣️❣️