It's too old "You know"..... यूं तो हम कागज़ क़लम पर दिल निकाल कर रखतें हैं लिख़ें हुए अल्फ़ाज़ों में जज़्बात संभाल के रखतें हैं बंद बक्सों में राज छुपा के रखतें हैं पन्नों पर लफ़्ज़ों को याद बनांकर रखतें हैं जब से पढ़ा है नज़रों को तेरी तुझसे क्या कहें तेरी राहों में पलकें बिछ़ाकर रखतें हैं तेरे कदमों के निशां रहगुज़र ढ़ूढा कऱतें किसी मोड़ पर मिल जाओ हमराही बनकर तेरी नज़रों में हम अपनें जहां की तलाश़ करा करतें हैं| It's too old "You know"..... यूं तो हम कागज़ क़लम पर दिल निकाल कर रखतें हैं लिख़ें हुए अल्फ़ाज़ों में जज़्बात संभाल के रखतें हैं बंद बक्सों में राज छुपा के रखतें हैं पन्नों पर लफ़्ज़ों को याद बनांकर रखतें हैं जब से पढ़ा है नज़रों को तेरी तुझसे क्या कहें तेरी राहों में पलकें बिछ़ाकर रखतें हैं