Unsplash काश ऐसा कोई मंज़र होता मेरे कांधे पे तेरा सर होता जमा करता जो मैं आये हुये संग सर छुपाने के लिये घर होता इस बुलंदी पे बहुत तनहा हू काश मैं सबके बराबर होता उस ने उलझा दिया दुनिया में मुझे वरना इक और क़लंदर होता ©Deepbodhi #lovelife attitude shayari Aaj Ka Panchang shayari in hindi sad shayari Hinduism