किसी अनजान उलझन में,कहीं हम खो गए यारों। कभी यूँ राह चलते में, लगे हम सो गए यारों। करें हम लाख कोशिश पर,कलम खामोश रहती है- नहीं कुछ भी लिखा हमने, बहुत दिन हो गए यारों। #मुक्तक #विश्वासी