बस यही सोच कर नहीं लिखता नाम तेरा #तरूण किसी और को महोब्बत ना हो जाए रोज-रोज तेरे अफ़साने पढ़ कर बस यही सोच कर नहीं लिखता नाम तेरा #तरूण किसी और को महोब्बत ना हो जाए रोज-रोज तेरे अफ़साने पढ़ कर