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वो तो अपनी नींद सोते रहे। उनके खयाल में हम रात भर

वो तो अपनी नींद सोते रहे।
उनके खयाल में हम रात भर रोते रहे।
उन्होऩे अपना ठिकाना कर लिया।
अब तब करके उन्होने अपने अरमां निकाले
इस दिल को बेगाना कर दिया।
जो बोलते थे सदा अट पट।
आखिर में कर बैठे खट पट।
कवि:-शैलेन्द्र सिंह यादव शैलेन्द्र सिंह यादव की कविता
वो तो अपनी नींद सोते रहे।
उनके खयाल में हम रात भर रोते रहे।
उन्होऩे अपना ठिकाना कर लिया।
अब तब करके उन्होने अपने अरमां निकाले
इस दिल को बेगाना कर दिया।
जो बोलते थे सदा अट पट।
आखिर में कर बैठे खट पट।
कवि:-शैलेन्द्र सिंह यादव शैलेन्द्र सिंह यादव की कविता