ज़िंदगी टूट कर चाहें तुझको तू भी डूब के ज़िले फिर किस बस्ती में गुम होना किसको पता यहां ना कर शिकायते ज़िंदगी से जो तूझको मिला वो कितनो के नसीब में नहीं,कर ले पूरे सपने अपने फ़ैला ले पर अपने, उडले हवा में, छू ले आसमान की उंचाई। समझ ले किस्से जिन्दगी के ज़िले डूब के ज़िंदगी को ज़िंदगी टूट के चाहें तुझको #YourQuoteAndMine Collaborating with Ishwarlal Soni