खुशियां बिखरी है चारों और, चलो, समेट कर लाते हैं, दोनों मुट्ठियों को भर ले जितना, उतनी ख़ुशी मनाते हैं !! सुप्रभात। हमारे चारों ओर बिखरी हैं ख़ुशियाँ, अब हम पर है कि हम कितना समेट पाते हैं। #ख़ुशियाँ #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #positivity #riturajgupta