मैं और मेरी ज़िन्दगी दोनों मौत के दहाने पे पहुंच के एक पुराने दरख़्त के साए में बैठे कुछ आखिरी वक़्त में बीती बातों को याद करते हुए, दोस्त, किताबें, मोहब्बत और उनको तवज्जों देती हुई नज़्में झपकती पलकों के आगे एक आखिरी बार अपनी बुनियादी जगह बनाते हुए, बेसब्र जहन से पूछते हैं एक सवाल, इतने सारे मंजर के बाद भी फिर जीने को क्या क्या बाकी रह गया। #yqbaba #yqdidi #yourquote #yqdada #lifendeath ➡️