पुरानी यादें आज भी, पलट कर देख लेना जब सदा दिल की सुनाई दे मेरी आवाज़ में शायद मेरा चेहरा दिख़ाई दे मुहब्बत रोशनी का एक लमहा है मगर चुप है किसे शम-ए-तमन्ना दे किसे दाग़-ए-जुदाई दे चुभें आँख़ों में भी और रुह में भी दर्द की किरचें मेरा दिल इस तरह तोड़ो के आईना बधाई दे पलट के देख