तुम्हें देखने के बाद, मुझे हर तरफ धुआँ - धुआँ सा नजर आता है। दिन मे चाँद और रात में सूरज नजर आता है।। साथ - साथ चलने से, मेरी आदत कुछ खराब सी हो गयी है। झकली - वकली, जानू - वानू कहा और कही भी निकल आये कुछ भी समझ मे नही आता है ।। Writing by-UTTAM MISHRA.......... According to me