भूल नहीं जाना.... 29 दिन के लिये अलग हो रहे हैं, 30वें दिन फिर ससमय है आना। चिट्ठी-पत्री लिखना... कभी फोन पर भी बतियाना। हो सके तो इस बीच कभी घर पर बुलाना.... कभी नाश्ता खिलना, कभी चाय भी पिलाना। ग्रीष्मावकाश की हार्दिक शुभकामनाएं। 💐💐💐💐 😊😊😊 ©Dineshwar Dinesh