लक्ष्मी जी उल्लू पर बैठके अंधेरे में गमन करती हैं। लोग चकाचौंध करके उसे! दिग्भ्रमित कर देते हैं। विडंबना ये है कि समझाओ तो समझते भी नहीं! राम-जानकी का लौटआना भी, विस्मृत कर देते हैं। 😁🌸🌹🌷🌹🗡🗡🌸🌹 त्योहारों के उजड़ते स्वरूपों को बचाने के लिए जाने कब आएगा....! 🌸🌹🌸🗡🗡🌸🌹 सबका मंगल करने वाली माता और नारी के वैभव स्वरूप को मेरा प्रणाम।