ज़िंदगी एक तवायफ है, नसीब एक कोठा है, नसीब चाहे जैसे नचाये, ज़िंदगी को नचना है, और हम क्या है ? उस तवायफ के घुंघरू है, जिन्हें पैरो पर बंधना है, और हरदम खनकना है, जिस दिन खनकना बंद हुआ, बस वही मौत का दिन अपना है, ज़िंदगी एक तवायफ है.... ©Ajay Chaurasiya #tawayaf