ek tarfa mohobbat.... read caption... लिखते भी थे उसके लिए जिसने कभी हमें सुना ही नहीं.... महोबत भी की उनसे जिन्होंने हमें अपनो में चुना ही नहीं.... माना हद से ज़्यादा चाहते हो तुम उसे, माना हद से ज़्यादा चाहते हो तुम उसे,