क्या करुँ कुछ समझ नही आ रहा दूसरो को हिम्मत से रहने को कहता जो वह अन्दर से कितना टूटा है किसी से ना कहता था, बाहर लोग बस उसे खामोश समझते थे पर उन खमोशियो के पीछे कितनी दर्द से भरी चीख छिपी हैं कोई ना जानता। -Writer Sandeep patel(surya) #udashi