बहुता हुआ ये खेल बाजीगर अब मेरी भी बारी है तेरी चालों से लड़ने की करनी अब तैयारी है अब बंटने ना देगे मिट्टी वोटों के बाज़ार में दाग लहू के साफ हैं दिखते तेरे हर औज़ार में हिन्दू मुस्लिम बहुत हुआ अब हिन्दोस्ताँ भारी है बहुत हुआ ये खेल बाजीगर अब मेरी भी बारी है #Opinion #nomore