@आयुष जमीं की भी पूरी कहाँ तलाश है , उसे भी तो बूंदों की प्यास है।। बूंदों को बादलों में समेटना आसमाँ का ख्वाब है , पर बूंदों की तो मिट्टी में ही मिल जाने की अरदास है।। #بارش