Nojoto: Largest Storytelling Platform

Bharat ke laal जाग जा भारतवासी..... जाग जा भारतवास

Bharat ke laal जाग जा भारतवासी.....
जाग जा भारतवासी देख तेरा देश सो रहा, 
विकास-विकास करके देख कैसा ये मंद हो रहा, 
गर्त में जाकर कैसा अंधकार में खो रहा, 
जाग जा भारतवासी देख तेरा देश सो रहा। 

सीमा पर क्यों है आजकल इतना तनाव बढ़ रहा, 
लगता है दोनों ओर चुनाव का डंका बज रहा, 
राजनेताओं के खोखले वादों पर कैसे तुझे विश्वास हो रहा, 
या फिर चंद रुपयों, पउओं पर तू अपना ईमान है बेच रहा, 
जाग जा भारतवासी देख तेरा देश सो रहा।
 
क्यूँ अपनी अपरिमित कीमत को तू इतना गिरा रहा, 
चुनाव के समय क्यूँ तू अपना विवेक खो रहा, 
हर बार मंदिर-मस्जिद, धर्म-जाति का ही मुद्दा क्यूँ छा रहा, 
रोजगार,गरीबी,भुखमरी,शिक्षा,स्वास्थ्य,पर्यावरण,अर्थव्यवस्था पर क्यूँ नहीं ध्यान आकर्षित कर रहा, 
जाग जा भारतवासी देख तेरा देश सो रहा। 

देख तेरा प्रतिनिधि कैसे तुझ पर थूंक रहा, 
रोड के किनारे नंगा-भूखा तू कैसे सो रहा, 
जय जवान-जय किसान वाला भारत तुझसे पूँछ रहा, 
जवान शहीद और किसान क्यूँ आत्महत्या कर रहा, 
जाग जा भारतवासी देख तेरा देश सो रहा। 

विश्व गुरु का दर्जा क्यूँ तेरे देश से छिन गया, 
क्या अपने ग्रंथों,आदर्शों, संस्कृति से है भारतवासी विलग हो गया,
सोने की चिड़िया कहलाने वाला भारत लगता कहीं खो गया, 
क्या कोई काला अंग्रेज भारत का धन चुराकर भाग गया, 
जाग जा भारतवासी देख तेरा देश सो रहा। 

राजनीति, पत्रकारिता, मीडिया अपनी शुचिता, स्वतंत्रता और प्रासंगिकता खो गया, 
क्या लोकतंत्र के इन स्तंभों को कोई लकवा है मार गया,
जन-कल्याण पर स्व-कल्याण क्यूँ हावी हो गया, 
क्या कोई अपराधी, भ्रष्टाचारी संसद में चुनकर आ गया, 
जाग जा भारतवासी देख तेरा देश सो रहा। 

अहिंसा- हिंसा में, असत्य- सत्य में, भ्रष्टाचार- शिष्टाचार में है बदल रहा, 
गाँधी, शास्त्री को फिर क्यूँ तू आज याद कर रहा, 
ऐ! भारतवासी तू मूक दर्शक बना क्या देख रहा, 
सवाल- जवाब, तू कोई इंकलाब क्यूँ नहीं कर रहा, 
क्या तू भगत, सुखदेव, राजगुरु, आज़ाद का इंतज़ार कर रहा, 
जाग जा भारतवासी देख तेरा देश सो रहा। 
जाग जा भारतवासी देख तेरा देश अंधकार में खो रहा। 🙏



#gandhijayanti #shastriji जाग जा भारतवासी.....
जाग जा भारतवासी देख तेरा देश सो रहा, 
विकास-विकास करके देख कैसा ये मंद हो रहा, 
गर्त में जाकर कैसा अंधकार में खो रहा, 
जाग जा भारतवासी देख तेरा देश सो रहा। 

सीमा पर क्यों है आजकल इतना तनाव बढ़ रहा, 
लगता है दोनों ओर चुनाव का डंका बज रहा,
Bharat ke laal जाग जा भारतवासी.....
जाग जा भारतवासी देख तेरा देश सो रहा, 
विकास-विकास करके देख कैसा ये मंद हो रहा, 
गर्त में जाकर कैसा अंधकार में खो रहा, 
जाग जा भारतवासी देख तेरा देश सो रहा। 

सीमा पर क्यों है आजकल इतना तनाव बढ़ रहा, 
लगता है दोनों ओर चुनाव का डंका बज रहा, 
राजनेताओं के खोखले वादों पर कैसे तुझे विश्वास हो रहा, 
या फिर चंद रुपयों, पउओं पर तू अपना ईमान है बेच रहा, 
जाग जा भारतवासी देख तेरा देश सो रहा।
 
क्यूँ अपनी अपरिमित कीमत को तू इतना गिरा रहा, 
चुनाव के समय क्यूँ तू अपना विवेक खो रहा, 
हर बार मंदिर-मस्जिद, धर्म-जाति का ही मुद्दा क्यूँ छा रहा, 
रोजगार,गरीबी,भुखमरी,शिक्षा,स्वास्थ्य,पर्यावरण,अर्थव्यवस्था पर क्यूँ नहीं ध्यान आकर्षित कर रहा, 
जाग जा भारतवासी देख तेरा देश सो रहा। 

देख तेरा प्रतिनिधि कैसे तुझ पर थूंक रहा, 
रोड के किनारे नंगा-भूखा तू कैसे सो रहा, 
जय जवान-जय किसान वाला भारत तुझसे पूँछ रहा, 
जवान शहीद और किसान क्यूँ आत्महत्या कर रहा, 
जाग जा भारतवासी देख तेरा देश सो रहा। 

विश्व गुरु का दर्जा क्यूँ तेरे देश से छिन गया, 
क्या अपने ग्रंथों,आदर्शों, संस्कृति से है भारतवासी विलग हो गया,
सोने की चिड़िया कहलाने वाला भारत लगता कहीं खो गया, 
क्या कोई काला अंग्रेज भारत का धन चुराकर भाग गया, 
जाग जा भारतवासी देख तेरा देश सो रहा। 

राजनीति, पत्रकारिता, मीडिया अपनी शुचिता, स्वतंत्रता और प्रासंगिकता खो गया, 
क्या लोकतंत्र के इन स्तंभों को कोई लकवा है मार गया,
जन-कल्याण पर स्व-कल्याण क्यूँ हावी हो गया, 
क्या कोई अपराधी, भ्रष्टाचारी संसद में चुनकर आ गया, 
जाग जा भारतवासी देख तेरा देश सो रहा। 

अहिंसा- हिंसा में, असत्य- सत्य में, भ्रष्टाचार- शिष्टाचार में है बदल रहा, 
गाँधी, शास्त्री को फिर क्यूँ तू आज याद कर रहा, 
ऐ! भारतवासी तू मूक दर्शक बना क्या देख रहा, 
सवाल- जवाब, तू कोई इंकलाब क्यूँ नहीं कर रहा, 
क्या तू भगत, सुखदेव, राजगुरु, आज़ाद का इंतज़ार कर रहा, 
जाग जा भारतवासी देख तेरा देश सो रहा। 
जाग जा भारतवासी देख तेरा देश अंधकार में खो रहा। 🙏



#gandhijayanti #shastriji जाग जा भारतवासी.....
जाग जा भारतवासी देख तेरा देश सो रहा, 
विकास-विकास करके देख कैसा ये मंद हो रहा, 
गर्त में जाकर कैसा अंधकार में खो रहा, 
जाग जा भारतवासी देख तेरा देश सो रहा। 

सीमा पर क्यों है आजकल इतना तनाव बढ़ रहा, 
लगता है दोनों ओर चुनाव का डंका बज रहा,