वाणी - 1 सच-झूठ के बीच, फँसा है जग सारा, मीठी वाणी बोल जाने कितनो ने खंजर मारा| मिष्ठान भरी बोली हो, न ऐसी चाहत नहीं, जो बोलूँ तो दिल न तोडूं बस फ़रियाद है यही| सब हमारी ज़बान का खेल है और उसी ज़बान की हरकत पर कुछ छोटी छोटी रचनाएं कुछ parts में प्रस्तुत करूँगा with the title वाणी.. #वाणी #सचझूठ #vineetvicky #poetryflashes #nanowrimo2020 #encoreekkhwab #encore_ek_khwab