ये दिल्ली है साहेब! #RDV18#RDV18
बुलन्दियों के इस शहर में ज़िन्दगी एक जंग है
यह दिल्ली है साहेब यह सब के रंग में भंग है
उड़ाने सब भर रहें हैं ,न कोई किसी से कम है ,
शराबियों के लिए शराब कहि विस्की तो कहि रम है
यहां ज़िन्दगी चलती नही,भागती है,
दिनों में हर आंख मसरूफ ,रातों में जागती है।