उनसे आँख तो मिली नहीं पर दिल मिल गए। वो शर्बत का पानी तो हम चीनी से घुल गए। उनकी चाहत का असर कुछ ऐसा हुआ । कोयला थे हम अब हीरा से निखर गए। पाकर उनकी चाहत मेरा दिल मग़रूर हुआ! ख़लिस के दाग़ सारे उनके इश्क़ में धुल गए। उनकी चाहत में दुश्वारियाँ भी बहुत हैं 'नेहा'! मिलने गए तो कई सरहदों के पट खुल गए। ♥️ Challenge-697 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।