सर पे उनके फितूर है कुछ हुआ तो जुरूर है ठीक से जवाब नहीं देते इसमें मेरा क्या क़ुसूर है सूखा पड़ा है उनके मन में न जाने कैसा दस्तूर है आज चांद भी फीका लगे रूठे रूठे से हुजूर हैं ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1071 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।