Nojoto: Largest Storytelling Platform

चारपाई का पांव पकड़ कर मैं रोया दिल को इन हाथों मे

चारपाई का पांव पकड़ कर मैं रोया
दिल को इन हाथों में जकड़ कर रोया
फीकी पड़ गई  किस मोड़
पे खड़ गई थी
तेरे लिए जिंदगी किस किस
से लड़ गई थी 
पतझड़ सा हर दिन था हुआ
मेरा
गुमनाम जिंदगी में कभी हुआ
ना सवेरा
इस रोशनियों के दौर में है
कहीं तो अंधेरा

©Gian munkan wala
  अंधेरा
arshdeepsingh7936

Gian Gumnaam

Bronze Star
New Creator

अंधेरा #कविता

529 Views