पूछ रही है मोहब्बत अब मुझसे कि क्यूं बनाते हो तमाशा मेरी ज़िन्दगी का मैंने कहा इसी बात का तो दुख है मगर उसे कहां एहसास ऐसी शर्मिंदगी का ©Gian munkan wala तमाशा