चरणों की धूल तेरे चरणों की धूल हूँ मैं मुझे श्यामा न झड़ा देना बनूँ मैं फूल हसरत है मुझे मस्तक सजा लेना तेरी ही तान मैं छेड़ूँ अधर मुरली बना लेना न जाने कौन बीमारी न इक पल चैन पाता हूँ मरज़ है इश्क का तुझसे श्यामा तू ही दवा देना -स्वरचित अजय नेमा #Pooja #चरणों की धूल#कविता#nojotoapp