मैं अकेला हूँ लेकिन अकेला नहीं वो एहसासों में है यहीं पे कहीं जब जी चाहे बंद करके दोनों नयन 2 देख लेता हूँ उसका चेहरा हसीं ©कवि प्रभात #UskeHaath कविता कोश प्यार पर कविता प्रेम कविता