Natural Morning वो बिन बताए यहां आता क्या वो मुझे मुझ से मिलता क्या मैं उसके दुश्मनों के शफ में खड़ा वो मुझे मोहब्बत से बुलाता क्या सारे नाखुदा से लड़ पड़ा था मैं गर दरिया डुबोता तो बचाता क्या आशुओं से भरा पड़ा था गाॅव मेरा इन हालातो में बादलों को बुलाता क्या वो मेरे दिल में रहती है सदा मै उससे राज ए अदावत छुपाता क्या ~मो• शारिक अनवर