वो जाये तो बेशक चली जाये, वो आये तो बेशक चली आये। दरवाजा दिल का न कल बन्द रहा, न कभी रहेगा। बेवजह मत तड़प सपनों से मत झड़प प्यार है तो रुक नहीं है तो मत रुक। न तेरे आने से ज़िन्दगी में तहलका मचा न तेरे जाने से सन्नाटा होगा। तू जायेगी, कोई और आयेगी वो जायेगी तो कोई और पर सुन, बावली मेरा जैसा नहीं मिलेगा तुझे कहीं ओर। न तेरे आने से ज़िन्दगी चली, न तेरे जाने से ज़िन्दगी रुकेगी। #ऋषि_अग्रवाल #सूफ़ियाना_इश्क़_मेरा