मेरी दुआ वो मुस्कुरा तो रही थी, पर उसकी मुस्कुराहट बहुत सारी वेदनाएं सह रही थी। उसकी आंखे बता रही थी हाल उसका, वो शायद कुछ दिन और रुक जाने के लिए कह रही थी। मेरी आंखों से ये सोच कर आंसू आ गए," जनाब," वो इतने दिन अकेले कैसे रह रही थी। ©vijay chauhan फौजी